ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशु पालन तथा मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि भारत की विविध संस्कृति हमारी समृद्ध विरासत है और इसका संरक्षण प्रत्येक भारतीय का कत्र्वय है। वीरेन्द्र कंवर गत सांय सोलन जिला के नालागढ़ उपमण्डल के बद्दी में बालद नदी घाट पर पूर्वांचल जन कल्याण समिति द्वारा आयोजित छठ पूजा समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। वीरेन्द्र कंवर ने इससे पूर्व बालद नदी तट पर बने घाट पर विधिवत छठ पूजा अर्चना की तथा देश व प्रदेश वासियों की समृद्धि, स्वास्थ्य एवं मंगल की कामना की। उन्होंने पूर्वांचल जन कल्याण समिति द्वारा आयोजित जागरण संध्या का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ भी किया। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि हमारे देश के विभिन्न प्रांत अपनी मनोहारी संस्कृति, हस्तशिल्प एवं लोक कलाओं के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रांतों की बहुरंगी संस्कृति मिलकर समृद्ध भारतीय संस्कृति को जन्म देती है। यह संस्कृति भारतीयता का आधार है और इसका संरक्षण हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि छठ पूजा विशिष्टि रूप से भारत के पूर्वांचल का प्रमुख त्यौहार है। उन्होंने कहा कि कि पूर्वांचल के लोगों ने आज विश्व में अपनी कर्मठता के बल पर विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी मजदूरों, कामगारों तथा उद्यमियों का राज्य के आर्थिक विकास में अहम योगदान है। वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा औद्योगिक उत्पादन के क्षेत्र में देश का आदर्श राज्य बनाने की दिशा मंे प्रयासरत है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा हैै। उन्होंने कहा कि हिमाचल के स्वच्छ पर्यावरण के अनुरूप औद्योगिक निवेश के लिए मुख्यमन्त्री की अगुआई में गुणवत्तायुक्त निवेश आकर्षित करने के प्रयास सफल हो रहे हैं। विभिन्न औद्योगिक घरानों से राज्य में निवेश के लिए 80,000 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे आने वाले समय में प्रदेश व देश की न केवल अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि हजारों बेरोजगार युवाओं को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।