<no title>श्री गुरू नानक देव जी की शिक्षाएं आज और भी प्रासंगिकः मुख्यमंत्री गुरू नानक देव जी का 550वां जन्मदिवस उनकी शिक्षाओं के प्रति स्वयं को समर्पित करने का उचित समय है, जिन्होंने एक ईश्वर, सार्वभौमिक भाईचारे, प्रेम, विनम्रता, सादगी, समानता और सहनशीलता का उपदेश दिया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज पंजाब के कपूरथला में श्री गुरू नानक देव जी स्टेडियम, सुलतानपुर लोधी के श्री बेर साहिब गुरूद्वारे में प्रकाश पर्व के अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरू नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरू थे, जिन्होंने अपने आप को एक धर्म तक सीमित नहीं रखा बल्कि सभी धर्मों की अच्छी शिक्षाओं को अपनाया, जो आने वाले समय में भी सार्वभौमिक और जीवंत रहेगी। उन्होंने कहा कि श्री गुरू नानक देव जी जाति, रंग, धर्म और नस्ल के आधार पर लोगों में भेद-भाव करने में विश्वास नहीं रखते थे और उनकी शिक्षाएं आज और भी ज्यादा प्रासंगिक है। जय राम ठाकुर ने कहा कि श्री गुरू नानक देव जी ने साबित किया कि सिख धर्म का पालन करने के लिए न तो जाति, वर्ग, संपन्नता, गरीबी और न ही धर्म मापदण्ड हैं। उनके अनुसार, केवल एक भगवान पर विश्वास, आत्मा की पवित्रता और भगवान के प्रति समर्पण का भाव होना चाहिए। पंजाब के गुरदासपुर जिले से करतारपुर साहिब काॅरिडोर को अंतरराष्ट्रीय सीमा तक विकसित करने के केन्द्र के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भारतीय तीर्थ यात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में गुरूद्वारा दरबार सिंह जी जाने की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण संभव हुआ है। उन्होंने देश के लोगों से जाति, रंग, मत और धर्म से ऊपर उठकर वर्षभर चलने वाले समारोह में पूरे हर्षोल्लास के साथ भाग लेना का आग्रह किया।