17 साल  डॉक्टरी  करने  के बाद  मिल  रही  2620 पेन्शन

  kangra  HIM DRISHTI BUREAU REPORT  नई पेंशन स्कीम को लेकर सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है और इसे लोकसभा विधानसभा में कर्मचारी हितेषी बताया जा रहा परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और है नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के  कांगड़ा जिला प्रधान राजिंदर मन्हास ने बताया कि आयुर्वेद विभाग से  बतौर डॉक्टर रिटायर हुए एक कर्मचारी को 17 साल सेवाएं देने के बाद 2620 रुपए पेंशन मिल रही है और उन्ही डॉक्टर की धर्मपत्नी  जिन्होंने 11 साल बतौर अध्यापिका  कार्य किया है उन्हें महज 2381 रुपए पेंशन मिल रही  जिसका कुल जोड़ 5001 है और इसी परिवार की बेटी टांडा मेडिकल कॉलेज में बतौर स्टाफ नर्स कार्यरत है जो भी नई पेंशन स्कीम के तहत कार्यरत है यह परिवार जिला कांगड़ा के गग्गल के पास का है  कांगड़ा जिला प्रधान ने बताया कि बह नाम और फ़ोटो के साथ इस दम्पती का समाचार पत्र में  समाचार देना चाहते थे परन्तु इससे इन दोनों ने इंकार किया क्योंकि केंहि ना केंहि एक कर्मचारी का स्वाभिमान इससे जुड़ा था  जिला प्रधान राजिंदर मन्हास  ने कहा कि  एक डॉक्टर को जहां भगवान का दर्जा दिया जाता है बेन्ही अध्यापक को देश का भविष्य निर्माता कहा जाता है परन्तु इस दोनों की सेवानिवृत्त के बाद अगर कोई  युवा हालत देख ले तो शायद कोई भी डॉक्टर या अधयापक नही बनना चाहेगा डॉक्टर साहिब अब निजी क्लिनिक चला कर गुजारा कर रहे हैं जहां से उनके गांब के ही कुछ लोग उनके पास छोटी मोटी दवाई लेने आते है कैसे तैसे तंगहाली का जीवन जी रहे इस दम्पति के पास कहने को तो बहुत कुछ है पर सुनने बाला कोई नही क्योंकि इस देश मे नेता बन कर शपथ लेने बाले को तो 60 से 70 हजार पेंशन है पर देश सेवा में लम्बे समय तक सेवाएं देने बाले कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने पर  एक सम्मानजनक पेंशन देने के लिए सरकार के पास संसाधनों की कमी है कांगड़ा जिला प्रधान ने कहा कि पेंशन कर्मचारी का सवैधानिक हक है जो उसे मिलना चाहिए ।